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 औपचारिक पत्र

  औपचारिक पत्र उन्हें कहा जाता है, जिनमें संबोधन, अभिवादन और शिष्टाचार की निश्चित औपचारिकताएँ निभानी पड़ती हैं। इन पत्रों में विषय के अनुकूल नपी-तुली भाषा में अपना उद्देश्य स्पष्ट करना होता है। इस तरह के पत्र उन्हें लिखे आते हैं, जिनसे हमारा कोई परिचय नहीं होता। इन पत्रों में कम-से-कम शब्दों में अपनी बात कहने का प्रयास करना चाहिए और विषय से बाहर की कोई अन्य बात नहीं लिखनी चाहिए। 


औपचारिक पत्र :
प्रति लिखने के बाद पत्र पाने वाले का पद और पता लिखना चाहिए। फिर पत्र में विषय तथा संदर्भ का उल्लेख करना चाहिए। पत्र प्राप्त करने
वाले के प्रति आदर प्रकट करने के लिए उसे महोदय/महोदया संबोधन से संबोधित करना चाहिए। इसके बाद पत्र में विषय के अनुसार कुछ परिच्छेदों में अपना आशय प्रकट करना चाहिए। फिर पत्र को समाप्त करते समय नीचे बाई ओर पत्र भेजने वाले के हस्ताक्षर, उसका नाम और पता लिखना चाहिए। साथ में ई-मेल आईडी भी देना चाहिए।

औपचारिक पत्रों में निम्नलिखित प्रकार के पत्रों का समावेश होता है :

(1) शिकायती पत्र
(2) निवेदन पत्र / प्रार्थना पत्र / आवेदन पत्र
(3 ) पुछताछ संबंधी पत्र 
(4 ) व्यावसायिक  पत्र।

(1) शिकायती पत्र का नमुना -1 :

निम्नलिखित जानकारी के आधार पर पत्र लेखन कीजिए:

स्वास्थ्य अधिकारी, नगर परिषद, कोल्हापुर - 416001 को संजय/संगीता कोटणीस, 45, शिवनेरी, शाहूनगर, खासबाग मैदान, कोल्हापुर - 416002 से पत्र लिखकर उसमें अपने मुहल्ले में बढ़ती हुई गंदगी के बारे में शिकायत करते हुए | आवश्यक प्रबंध करने का अनुरोध करता/करती है।

शिकायती पत्र का नमुना -2
अचिंत / अचिंता भोसले, 54, शांतिनगर, नाशिक 422 007 से अपने परिसर के उद्यान की दुर्दशा कीओर ध्यान | आकर्षित करते हुए, आयुक्त महानगर परिषद, नाशिक को पत्र लिखता / लिखती है।

(2) निवेदन पत्र / प्रार्थना पत्र / आवेदन पत्र

अमित/अमिता पाटील, तेजस सोसायटी, आंबेडकर रोड, अमरावती से अपनी सोसायटी के अध्यक्ष को पत्र लिखकर | गाड़ियाँ धोने के लिए टंकी के जिस जल का उपयोग किया जा रहा है, उस जल का पुनः उपयोग करने हेतु निवेदन करता / करती है।


दसवीं की छात्रा सुधा / छात्र सुधीर साठे, 20, विद्यानगर, कुडाळ से न्यू इंग्लिश स्कूल, कुडाळ - 416 520 के | प्रधानाचार्य के द्वारा माननीय शिक्षाधिकारी, माध्यमिक शिक्षण विभाग, जिला परिषद, सिंधुदुर्ग- 416 520 को पत्र | लिखकर अपनी जन्मतिथि में सुधार के लिए प्रार्थना पत्र लिखती / लिखता है।
सचिव, महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षण मंडल, भांबुर्डा, पुणे - 411 001 को चंद्रकांत/चंद्रिका तिरलोटकर, 441, शिवांजली, प्रतापनगर, नांदेड - / नौकरी के लिए प्रार्थना करता/करती है। 431 602 से आवेदन पत्र लिखकर लिपिक की नौकरी के लिए प्रार्थना करता / करती है 

(3 ) पुछताछ संबंधी पत्र 

30 अ. राजेंद्रनगर, लातूर- 422001 से नंदकुमार / नंदिनी सावंत, प्रसन्ना ट्रैवल कंपनी ' के लातूर स्थित कार्यालय के व्यवस्थापक के नाम महाबलेश्वर प्रतापगड' यात्रा संबंधी आवश्यक मार्गदर्शन करने के लिए पत्र लिखता / लिखती है।


(4 ) व्यावसायिक  पत्र।

रमेश / रमा पवार, 74, विद्याप्रसाद, प्रतापसिंह नगर, सातारा- 415 004 से व्यवस्थापक, अजब पुस्तक भंडार, भवानी मंडप, कोल्हापुर - 416004 को पत्र लिखकर विशेष अध्ययन के लिए हिंदी के प्रसिद्ध लेखकों की कुछ पुस्तकें मँगाता / मँगाती है।


️▶️️▶️️▶️⚫⚫धन्यवाद⚫⚫◀️◀️◀️




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